रत्ती रत्ती सच्ची मैंने जान गंवाई है
नच्च नच्च कोयलों पे रात बिताई है
अखियों की नींद मैंने फूँकों से उड़ा दी
गिन गिन तारे मैंने उंगली जलाई है
आजा आजा जिंद शामियाने के तले
आजा ज़री वाले नीले आसमान के तले
जय हो जय हो
जय हो जय हो
कब से हाँ कब से जो लब पे रुकी है कह दे
कह दे हाँ कह दे अब आँख झुकी है कह दे
ऐसी ऐसी रोशन आँखें रोशन दोनो भी है है क्या
आजा आजा जिंद शामियाने के तले
आजा ज़री वाले नीले आसमान के तले
जय हो जय होजय हो जय हो